


मुझे नही मालूम कल क्या होगा। लहरों को देख कुछ भी अन्दास तो लगा नही सकते । मैंने जिस रह पर चल रही हु मुझे नही मालूम वहां क्या होने वाला है कौन दिखेगा रास्ता, कहाँ होंगी मंजिल । पेंटिंग बनाई है। ऐसे तो शौक है पर सोचा था इसको सेल करके जो कुछ आएगा उससे अपने एनजीओ के लिए खर्च करुँगी बच्चों की जरुरत के लिए कुछ खरीदूंगी । उनके लिए एक टीचर की ब्यावास्थ करुँगी पर क्या यह इतना आसन है। मेरी मदद करके शायद लोगों को उतना फायदा न हो जितना वे चाहतें हैं। पता नही पर मैं पेंटिंग करना तो नही छोड़ सकती
5 comments:
बहुत खूबसूरत हैं, बनाते रहिये !
जारी रखिये. बढ़िया है.
bahut khoobsurat paintings...
बहुत बढिया है
यह एक प्रकृति प्रदत्त कला है जिसके लिए प्रकृति एक योग्य कलाकार को चुनती है..
बहुत बढ़िया पेंटिंग्स...बस निरंतरता बनाए रखे...बधाई!!!
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